बोल बम.
आज महाशिवरात्रि है. यानी कि शिव-विवाह की रात्रि.
२५-२७ की उम्र तक मैं इस दिन को शिव जी की जयंती समझता था (करारे भक्त-गण माफ़ करें). फिर जब राज़ खुला तो लगा कि हाँ, इस से ज्यादा न्याय-संगत उत्सव कोई और क्या होगा?
जैसा मैं समझा हूँ, हिन्दू पुराणों के अनुसार शिव और पार्वती का समागम इस ब्रह्माण्ड में उपस्थित सभी नर और नारी उर्जाओं के संगम का परिचायक है (शिवलिंग की विभिन्न व्याख्याएं आपको याद होगीं) और इसी लिए इनके विवाह को सृष्टि की निरंतरता का द्योतक भी माना गया होगा और पूजनीय भी. मुझे याद है हमारे घर-परिवारों में शिव-पार्वती विवाह एक धार्मिक कथा के रूप में कहा जाता रहा है.
इस विवाह कथा के संवाद का पहला भाग हरियाणा की एक पुरानी रागिनी के रूप में आप से बांटना चाहता हूँ, जो आप ने नए अवतार में निश्चित ही सुनी होगी - फिल्म "ओये लकी, लकी ओये" का शानदार गीत - "तू राजा की राजदुलारी".
भक्तों के लिए थोड़ी दिक्कत यह है कि गीत का विडियो मूल फिल्म का ही है, सो भजन का फील नहीं है पर शब्दों से कहानी स्पष्ट होगी:
भक्तों के लिए थोड़ी दिक्कत यह है कि गीत का विडियो मूल फिल्म का ही है, सो भजन का फील नहीं है पर शब्दों से कहानी स्पष्ट होगी:
(विडियो यू-ट्यूब से साभार)
यह रागिनी धार्मिक से ज्यादा सामाजिक और आंचलिक परिपेक्ष्य में देखि जानी चाहिए.
पार्वती के विवाह के आग्रह पर शिव उसे विभिन्न तर्क दे कर विवाह से उन्मुख कर रहे हैं, पंक्तियाँ थोड़ी ठीक कर देने से स्पष्ट होगा -
तू राजा की राज-दुलारी, मैं सिर्फ लंगोटे वाला सूं (हूँ का हरियाणवी बोल)
भांग रगड़ के पिया करूं मैं, उंडी (कटोरा) - सोटे (दंड) वाला सूं तू राजा की राज-दुलारी, मैं सिर्फ लंगोटे वाला सूं (हूँ का हरियाणवी बोल)
(शिव की वेश भूषा ध्यान कीजिये)...
तू राजा की छोरी सै, मेरे एक भी दासी दोस्त नहीं
शाल दुशाले ओढ़न वाली, म्हारे कम्बल तक भी पास नहीं...
तू बागां की कोयल सै (है) अढे (यहाँ) बर्फ पड़े, हरी घास नहीं
किस तरयाँ (तरह) दिल लागेगा तेरा, सतरा चौ प्रकाश नहीं
किसी साहूकार के (यहाँ 'से' के अर्थ में प्रयुक्त) ब्याह करवाले, मैं खाली सोटे वाला सूं.
भांग-----
मैं धूनी तपा करूँ, तू आग देख के डर जायगी,
रंग घोल के पिया करूं, मेरा राग देख के डर जायगी
सौ सौ साल पड़े रहे जल में, तू नाग देख के डर जाएगी.
तांडव नाच करे बन में, रंग राग देख के डर जायगी
तने (तुझे) जुल्फां (ज़ुल्फ़) वाला छोरा चाहिए (यानी मोडर्न),
मैं लाम्बे (लम्बे) चोटे (जटा) वाला सूं.
भांग----
बोल बम!
1 comment:
I was still under the impression that 'Shivratri' is the birthday of Shiv. Thanx for the info.
Very well adopted in Oye Lucky. 'Maza aagaya'.
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