Friday, August 10, 2012

आओ जैम बनायें! (Or, The Great Indian Jam)

मित्रों, हमारे भारत देश का हर प्रांत, हर राज्य अपने अलग स्वाद के लिये जाना जाता है. पर कुछ स्वाद ऐसे हैं जो पूरे देश में पाये जाते है और पूरे जोशो-खरोश से बनाये, चखे और पसंद किये जाते हैं. ऐसे व्यंजनों में सबसे ऊपर खालिस हिन्दुस्तानी जैम - ट्रैफिक जैम – का नाम आता है.

इस जैम को हम सब ने बार-बार, लगातार विभिन्न रूपों में चखा है और इसे बनाने की अनेक विधियां हैं. एक विधि का यहां आनंद लीजिये.


सामग्री –
  1. हिन्दुस्तान के एक आम शहर की एक आम सड़क (संकरी और दोनों ओर दुकानों से अटी हो, तो और अच्छा है.)
  2. सड़क के बीचों-बीच एक व्यवधान – सबसे बेहतर एक रेलवे फाटक रहेगा, जो किसी धार्मिक स्थल के पटों की तरह ज्यादातर बंद रहता हो और दो घंटे में एक बार खुलता हो.
  3. अगर ना उपलब्ध हो तो सड़क को ज्यादा संकरी कर लें और एक खराब “माल-ढ़ुलाई-ऑटो” का उपयोग कर लें, तक़रीबन वही स्वाद मिलेगा.   
  4. तीन खूंखार बसें (सरकारी, प्राईवेट या कोई और)
  5. एक सड़क का राजा – ट्रक, जो ज़रूरत से ज्यादा लदा हो.
  6. दो या तीन गैंडे-नुमा एस.यू.वी मय कुछ गैंडे-नुमा चालक
  7. चार-पाँच अलग-अलग किस्म की कारें, जिसमें से कम-से-कम एक कोई नौसिखिया महिला चला रही हों और कम-से-कम एक रॉन्ग-साईड स्पेशलिस्ट हो.
  8. रॉकेट की तरह भागने वाले दस-पंद्रह स्कूटर और मोटर-साईकिल, जिनमें हॉर्न बहुत बढ़िया चलता हो और ब्रेक बिल्कुल नहीं.
  9. जायकेदार गार्निशिंग के लिये मुट्ठी भर मनचली साईकिलें, मटकते हथठेले, आवारा रिक्शे, इरादों की पक्की गायें, बौराये हुये कुत्ते और गालियां निकालते कुछ सभ्य नागरिक
विधि
  1. सबसे पहले सारी सामग्री को हमारे देश के सामान्य तापमान पर उस समय तक भून लें, जब तक कि सारी समझ-बूझ हवा ना हो जाये. 
  2. इसके बाद सड़क को किसी भी शहर, मोहल्ले, कस्बे में बिछा दें. कुछ जानकारों का मानना है कि इसके लिये छोटे, भीड़ भरे कस्बे बेहतर होते हैं पर अगर ऊपर दिये चरण १ को अच्छी तरह किया गया हो तो कहीं भी बिछायी गयी सड़क पर जैम का जलवा बिखराया जा सकता है. 
  3. रेल्वे फ़ाटक को अब सड़क के बीचों-बीच रख दें. जैम का गाढ़ापन बढ़ाने के लिये फ़ाटक से एक-डेढ़ किलोमीटर के फ़ासले पर किसी तरफ एक उचित साईज़ का गड्ढा या किसी खराब ट्रक / कार / मोटर-साईकिल / स्कूटर / साईकिल का भीड़ानुसार उपयोग कर सकते हैं. 
  4. अच्छा समय देख कर – जब ऑफिसों, दुकानों और स्कूलों के खुलने / बंद होने का वक्त हो – रेल्वे फाटक को बंद कर दें, जिस से दोनों तरफ का यातायात रुक जाये. जांच लें कि अब वाहन दोनों ओर जमा होने लगे हैं. अक्सर इस प्रक्रिया की शुरुआत में आपको ऐसा लग सकता है कि वाहनों की कतारें “बायें चलें” की तर्ज़ पर बड़े करीने से लग रही हैं और जैम बनने का कोई रास्ता नहीं है. पर घबराईये नहीं. अमूमन तीन सीटी लगने के बाद प्रेशर पूरा बन जायेगा और वाहनों की कतार काजू-कतली का मिजाज़-ए-क़रीना छोड़ कर मलाई-घेवर की तरह उफान पर आ जायेगी. 
  5. अब, जब कि ट्रैफिक पूरा हो जाये, रेलवे गेटमैन को दो-चार गालियों के छौंक दें, जिस से वह फाटक खोल दे. 
  6. फाटक खुलते ही विश्व-युद्ध की तर्ज़ पर सबसे पहले दोनों ओर के पैदल सिपाही एक दूसरे से गुत्थम-गुत्था हो जायेंगे और धूल, धुएं और धक्कों का इस्तेमाल करते हुये एक से दूसरी तरफ चलना शुरू करेंगे. इसके तुरन्त बाद वहां खड़े सभी वाहनों के हॉर्न समवेत स्वरों में बज उठेंगे. यह जैम की रवानी पर आने की शुरूआत है. 
  7. एक-एक एस.यू.वी, बस और कार को “शान की सवारी हमारी” के अन्दाज़ में बिना किसी जगह की परवाह के आगे बढ़ा दें. ध्यान रखें – कार और एस.यू.वी. शतरंज के ऊंट की तरह तिरछे ही मार करते  हों और बस किसी मदमस्त हाथी की तरह सीधा आगे. 
  8. दो मोटर-साईकल और तीन स्कूटरों को अलग से ““पूंछ-में-आगमसाले से भरवां कर लें जिस से ये  हर कीमत पर आगे जाने को भाग छूटें. 
  9. अब सड़क पर पैदा हुई अफरा-तफरी को गुलाबी होने तक पकने दें और तुरन्त बाद ओवर-लोडेड ट्रक को गज-गामिनी बना कर अखाड़े में आगे बढ़ा दें. इन सब के चलते बाकी सब यातायात पनीर भुर्जी की तरह धीमे धीमे पिसने लगेगा. 
  10. रॉन्ग-साईड स्पेशलिस्ट गाड़ियों को किनारों से बहने दें जिस से जैम का लोच बरकरार रहे. इसी के साथ भरवां कर के रखे स्कूटर-मोटर साईकल भी छोड़ दें. 
  11. जैम के गाढ़ेपन को भी लगातार जांचते रहें और जहां भी ढ़िलाई हो, महिला नौसिखिया चालक को वहां उपयोग में लायें – जैम को गाढ़ा बनाये रखने का यह कारगर तरीका है. 
  12. पूरी सामग्री को सिचुएशन में झोंक दें और थोड़ा इन्तेज़ार करें – करीब १५ मिनट में सभी वाहन एक वाहियात अफरा-तफरी मचा देंगे - कारें आपस में गुत्थम गुत्था हो जायेंगी; ट्रक (बकौल स्व. श्रीलाल शुक्ल जी) सड़कों का बलात्कार करने की प्रतिज्ञा पूरी करने के लिये मचल उठेंगे; बसों के ब्रेक और क्लच जुगलबंदी में चीत्कार करने लगेंगे; एस.यू.वी आकाश-मार्ग तलाशने लगेंगी; नौसिखिया महिला रुआंसी हो कर फॉरवर्ड और रिवर्स गीयर के चुनाव को जीवन-मरण का प्रश्न बना लेंगी; मोटर-साईकिल सवार इस गुनतारे में लग जायेंगे कि भौतिक शरीर त्याग छोटी से छोटी जगह में से सिर्फ सूक्ष्म रूप धर कर कैसे निकल जायें; वगैरह वगैरह. – कुल मिला कर प्रलय का सस्पेंडेड एनिमेशन सा हो जायेगा. 
  13. अब गार्निशिंग के लिये रखी सामग्री मौसम के अनुसार हल्के हाथ से पूरी सड़क पर बिखरा दें. कुछ ही देर में बदहवास गालियों की महक फिज़ा में फैल जायेगी और कहीं कहीं बात थप्पड़-मुक्की तक पहुंच जायेगी. 
  14. समझ लें कि आपका जैम तैयार है. एक बढ़िया जैम बन जाने के बाद कम-से-कम घंटा बरकरार रहता है और बराबर आनंद देता है
  15. खुद भी खाईये और मेहमानों की तारीफ भी लूटिये.    
आशा है आपको यह जैम और इसे बनाने की विधि पसंद आयी होगी. हमें लिखिये और बताईए.

7 comments:

Prabhjot Gill said...

Bheed bhadakka, swaadanusar. LOL

ashish gaur said...

bharat ki nangi,ubalti,thukki thukaye,tuti aur badbudar sadak rupi kadhai mein karara vyangiyeh chintaa ....maan ki jibh lap lapa gayiii

Anonymous said...

too good bhaiya.


kitty

Rahul Gaur said...

Thanks all

Dhruv Gaur said...

Socho "sab soch pai hi nirbhar hai”

Aastha Gaur said...

Bhaiya...although all ur posts are fab....but this ws Smthng OUT OF THE WORLD....tooo gud !!!! i bow down 2 u for ur imagination....!!!!

Aastha Gaur said...

I Have Alwys Wanted 2 Write Lyk U...Bt Nw...No More Struggle....I've understud that Masterpiece Is Only One.. ! Ah..Ur Blog Is Alwyss Soo Refreshing...Luv 2 Read It Lyk Anythng...!!

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